Tuesday, 26 September 2017

mamta ka sparsh: चलो इक बार फिर से.....

mamta ka sparsh: चलो इक बार फिर से.....: चलो इक बार फिर से..... न जीने पर हक है न ही मरने पर इख्तियार.... हकीकत में इन्हीं मजबूरियों का नाम है इंसान। लेकिन कुछ तो ऐसा भी है ...

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