दर्द को आँखों में छुपा लेते हैं
चलो एक बार फिर से जी लेते हैं
यहाँ समझी हैं कब किसने नजदीकियां
चलो एक बार फिर दूरियां बढ़ा लेते हैं
जहाँ मिल जाये दो पल की ख़ुशी
चलो ऐसी जगह पनाह लेते हैं
बिना दिल के भी इन्सान हुआ करते हैं
चलो उन दिलों में धडकनें डाल देते हैं
फूलों से तो सभी दोस्ती किया करते हैं
चलो हम काँटों के साथ मुस्कुरा लेते हैं
है दूर बहुत मंजिल लेकिन
चलो किसी को हमसफ़र बना लेते हैं
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